वह एक नवीन भाव, नई कल्पना के रूप में वह एक खिली धूप और ठंडी छाँव के स्वरूप में वह एक नवीन भाव, नई कल्पना के रूप में वह एक खिली धूप और ठंडी छाँव के स्वरूप म...
कितना भी बड़ा हो जाऊं पर मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ। कितना भी बड़ा हो जाऊं पर मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।
तेरे नाम की वो चिठ्ठी तुझे दे ना पाई। तेरे नाम की वो चिठ्ठी तुझे दे ना पाई।
ज्यों कच्चा चिठ्ठा खुलते देखा त्यों नौ दो ग्यारह होते देखा। ज्यों कच्चा चिठ्ठा खुलते देखा त्यों नौ दो ग्यारह होते देखा।
सात जन्मों का साथ हो जैसे। सात जन्मों का साथ हो जैसे।
अपने लगाए हुए जंगल में भटकाव का आनन्द लेते हुये। अपने लगाए हुए जंगल में भटकाव का आनन्द लेते हुये।